रंगों की दुनिया में कला को तराशना एक रोमांचक सफर : डॉ. सुषमा महाजन


 डॉ. सुषमा महाजन की तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी वाइब्रेंट ह्यूज का हुआ उदघाटन

जयपुर, 12 जनवरी। डॉ. सुषमा महाजन जयपुर की मशहूर  रेडियोलॉजिस्ट हैं और उन्हें रंगों के साथ अपने भीतर के कलाकार को तराशने का जुनून है। डॉ महाजन की कलाकृतियों की प्रदर्शनी वाइब्रेंट ह्यूज का उदघाटन आज रविवार को जवाहर कला केंद्र स्थित अलंकार गैलरी में किया गया। इस अवसर पर पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा के मुख्य अतिथ्य में तीन दिवसीय प्रदर्शनी वाइब्रेंट ह्यूज की शुरूआत हुई। इस अवसर पर पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने डॉ. सुषमा महाजन की कलाकृतियों का अवलोकन करते हुए कहा कि वे अभिभूत हैं ऐसी कला को निहार कर। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में होते हुए भी वॉटर कलर्स की ऐसी कलाकृतियाँ जो कि संवेदनाओं के दार्शनिक चिंतन को दशार्ती हुई है, अलौकिक है।

इस अवसर पर मौजूद जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ ने कलाकृतियों को निहारते हुए कहा कि ऐसी जीवंत कलाकृति निश्चित तौर पर जीवन में रंगों के संतुलन के साथ आंतरिक स्थायित्व एवं अनुशासन को दशार्ती है। इस दौरान संस्कृति कर्मी, कवि एवं कला समीक्षक डॉ राजेश कुमार व्यास ने प्रदर्शनी की समीक्षा करते हुए कहा कि डॉ सुषमा की कलाकृतियाँ प्रकृति और जीवन में घुली उत्सवधर्मिता का गान है। भांत-भांत के रंग प्रवाह में यहां जीवन की सुगंध है. उन्होंने कहा कि हर कलाकृति हमारे भीतर की संवेदना को और सघन करती नया कुछ रचने को प्रेरित करती है। 

इस अवसर पर फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य, फिल्म एक्टर एवं निर्देशक अशोक बांठिया ने कलाकृतियों से अभिभूत होकर कहा कि रंगों का ऐसा संयोजन प्रदर्शनी के नाम वाइब्रेंट ह्यूज को साकार करता हुआ नजर आ रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रदर्शनी में प्राकृतिक एवं मानव रचित विविधताओं को शामिल किया गया है।  उनकी  54 कलाकृतियों में बहुत सारे श्वान, घोड़े, हाथी, खरगोश और गिलहरियाँ ऐसे अठखेलियां करते दिखाई देती है जैसे की मानों वह पेंटिंग नहीं सजीव हो। उन्होंने वनस्पतियों और वास्तुकला के साथ कलात्मक ढंग से रंगों के साथ एक खूबसूरत रूप देने का भी बेहतरीन प्रयास किया है। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय संस्कृति के साथ विदेशी  विविधता को दशार्ती वाटर कलर्स के जरिये बहुत गहराई के साथ तैयार की गयी है। कलाकृतियों में शहरों की स्थापत्य  कला में 3डी  परिदृश्य भी देखने को मिलेंगे।  पेंटिंग्स खास तौर पर डॉ. सुषमा महाजन की कला के प्रति समर्पण एवं भावनाओं को दशार्ती है ।  

डॉ. सुषमा महाजन के अनुसार कला बहुत विविध और बहु-विषयक क्षेत्र है। कला को पारंपरिक सीमाओं तक सीमित नहीं कर सकते। कला का मतलब स्थापित सीमाओं को पार करना है। कलाकार को नए क्षेत्रों में कदम रखने में कभी संकोच नहीं करना चाहिए! एक कलाकार कला के माध्यम से, विचारों के माध्यम से तथा रंगों के माध्यम से एक नयी दुनिया की रचना करता है ऐसे में तनावपूर्ण जीवन के साथ सामंजस्य स्थापित कर जीवन को सकारात्मक रूप देना काफी आसान हो जाता है।


देश भर में प्रदर्शनी के माध्यम से सकारात्मक जीवन शैली का दिया सन्देश

डॉ. सुषमा महाजन कहती है कि पेंटिंग उनके जीवन का वो अहम हिस्सा है जिसे वे अपने जीवन में सकारात्मकता का सबसे बड़ा जरिया समझती हैं। डॉ. महाजन अब तक देश भर के राजधानी दिल्ली सहित कई हिस्सों में अपने पेंटिंग्स की सोलो प्रदर्शनी लगा चुकी है। डॉ. सुषमा गत वर्ष अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में विजुअल आर्ट्स गैलरी, इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली क्यूरियस चार्म्स प्रदर्शित की गयी थी। जिसके जरिये देश भर में डॉ. सुषमा महाजन को कला जगत में एक विशेष पहचान हासिल हुई यह प्रदर्शनी मशहूर इतिहासकार एवं क्यूरेटर डॉ. अलका पांडे द्वारा क्यूरेटेड थी। इसके  बाद गत वर्ष अगस्त माह में डॉ. अलका पांडे द्वारा क्यूरेटेड एक सोलो प्रदर्शनी द ब्यूटीफुल वर्ल्ड प्रदर्शनी विजुअल आर्ट्स गैलरी, इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में प्रदर्शित की गयी। चार अन्य प्रदर्शनियां राजस्थान में लगाई जा चुकी है। 

इस सातवीं प्रदर्शनी के उद्घाटन के मौके पर प्रख्यात  चित्रकार विद्यासागर उपाध्याय, पत्रकार एवं समीक्षक विनोद भारद्वाज, एवं ललित कला अकादमी के रजनीश हर्ष, कैलाश चंद शर्मा, नाथूलाल वर्मा, मनीष शर्मा, विनय त्रिवेदी सहित शहर की कला जगत की नामचीन हस्तियों ने भी शिरकत की। बड़ी संख्या में कला प्रेमियों, विद्यार्थियों तथा आम लोगों ने चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया. अलंकार दीर्घा में यह प्रदर्शनी मंगलवार शाम 7 बजे तक खुली है।

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